श्री हनुमान जन्मोत्सव — भक्ति, बल और विश्वास का पर्व
हनुमान जन्मोत्सव हर वर्ष चैत्र मास की शुक्ल पूर्णिमा के दिन श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इसी दिन पवनपुत्र हनुमान जी का धरती पर जन्म हुआ था। इस पावन अवसर पर भक्तजन बजरंगबली को लाल चोला अर्पित कर, तिल के तेल का दीपक जलाकर और हनुमान चालीसा का पाठ कर अपने जीवन के संकटों से मुक्ति और आशीर्वाद
हनुमान जन्मोत्सव वर्ष में एक बार आने वाला वह पावन दिन है, जिस दिन भगवान हनुमान जी का जन्म हुआ था।
इस तिथि को हम सभी श्रद्धा और उल्लास के साथ उत्सव के रूप में मनाते हैं।
चैत्र माह की शुक्ल पूर्णिमा और मंगलवार के दिन हनुमान जी ने जन्म लिया था।
हनुमान जी के पिताश्री का नाम केसरी तथा माता का नाम अंजनी था।
हनुमान जयंती के पावन अवसर पर हनुमान जी को लाल चोला अर्पित करना चाहिए, तिल के तेल का दीपक प्रज्वलित करना चाहिए और तिल चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से बजरंगबली प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा प्रदान करते हैं।
कलयुग में हनुमान जी की विशेषताओं में उनकी अमरता, धर्म की रक्षा और भक्तों की सहायता करना प्रमुख हैं। वे इस युग में जीवित एवं जागृत देवता माने जाते हैं। ऐसा विश्वास है कि उनकी भक्ति करने से जीवन की कठिनाइयों और संकटों से मुक्ति मिलती है। हनुमान जी बल, साहस और पराक्रम के प्रतीक हैं, जो अपने भक्तों को आत्मबल और निर्भयता प्रदान करते हैं।