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" नव इस्लामवाद , बन गया है कलकत्ता । "

'टीपू सुल्तान मस्जिद ( कलकत्ता) 'के शाही इमाम ' नुरूर
रहमान बरकती ' नें दिनान्क 07.01.2017 को सार्वजनिक
रूप से फ़तवा जारी किया .......
"यदि कोई व्यक्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दाढ़ी काट दे ,उनका सिर मुड़वा दे और चेहरे पर कालिख पोत दे ,तो उसे 25
लाख का इनाम दिया जाये गा । "

वंगाल में 'आर एस एस ' सहित सभी हिन्दू संगठनों की
सभाओँ ,रैलियों और उत्सवों को प्रतिवन्धित किया जा चुका है।
किसी भी सभा आदि को आयोजित करने के लिए पुलिस से पूर्व
अनुमति अनिवार्य ,किन्तु अनुमति नहीं दी जाती है ।
इसी इस्लामी तानाशाही के चलते 'आर एस एस ' प्रमुख
'मोहन भागवत ' की मकर संक्रांति के सम्बन्ध में आयोजित सभा को मुसलमानों की आपत्ति के चलते अनुमति वंगाल सरकार की ओर से नहीं दी गई ।
'शाही इमाम बरकती' इसके पहले भी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सहित अनेक काफिर हिंदुओं के विरुद्ध संगसार करने (पत्थरों से मार मार कर हत्या करने ) का फ़तवा जारी कर चुके हैं और राज्य पुलिस के संरक्षण में जिहादी गुंडों द्वारा प्रदेश कार्यालय पर हमला करके कई कार्यकर्ताओं की हत्या की जा चुकी है । राज्य पुलिस द्वारा 'बरकती' के विरुद्ध अभी तक किसी प्रकार की कार्यवाही की जानकारी नहीं है ।
मेरी आज की पोस्ट हिंदुओं की इसी 'व्यथा कथा' की पृष्ठभूमि पर रचित हुई है .....

" कलकत्ता में छा चुका , आतंकी इस्लाम !
फ़तवा नित जारी करे , शाही दुष्ट इमाम ।।
शाही दुष्ट इमाम , दे रहा सबको धमकी ।
पी.एम के प्रतिकूल ,दे दिया फ़तवा अबकी ।।
'अमता ' बेगम इसे , दे रहीँ 'वेतन -भत्ता '।
'नव इस्लामाबाद' , बन गया है कलकत्ता ।।"

"कहते 'यह ' इस्लाम की , जबसे बनी मुरीद ।
राजकीय उत्सव बने , ईद और बकरीद ।।
ईद और बकरीद , ज़िहादी पर्व बन गये ।
कठमुल्ले गद्दार , क्रूर कुछ अधिक तन गये ।।
फ़तवा जारी रोज़, 'द्रोह ' के करते रहते ।
'शरियत ' ही 'आईन ', हमारा खुलकर कहते ।।"

" रैली उत्सव सभा सब, कर न सकें अब हिंदु ।
मुल्ला सब निर्द्वन्द्व हैं , यह है 'त्रासद विन्दु '।।
यह है त्रासद विन्दु , ज़िहादी केंद्र खुले हैं ।
खूंखारों से डरे, युवक कुछ 'मिले-घुले 'हैं।।
जो थी उज्ज्वल स्वच्छ, 'चदरिया 'कर दी ' मैली'।
नगर नगर कर रहे , ज़िहादी गुण्डे रैली ।।"
विशेष ........
'अमता '... दुर्बुद्धि , उलटी खोपड़ी की औरत ।
'वेतन भत्ता' ...वंगाल में सरकारी कोष से इमामों को वेतन
भत्ता दिया जाता है ।
' नव इस्लामाबाद' ... इस्लामाबाद इस्लामी देश पाकिस्तान
की राजधानी है । वंगाल का गत 6 दशकों में
सेकुलर हिन्दू विरोधी सरकारोँ के चलते अघोषित
रूप में इस्लामीकरण हो चुका है । वहाँ का शासन
भारत के संविधान के अनुरूप नहीं इस्लामी कानून
'शरियत 'के अनुसार इमामों के फ़तवों के द्वारा
संचालित हो रहा है । अतएव कलकत्ता अब एक
अघोषित इस्लामी देश की राजधानी बन चुका है ।
इसीलिये अब उसे 'नव इस्लामाबाद 'कहा जाता है
'द्रोह '.. राजद्रोह ,भारत की केन्द्रीय सत्ता के विरुद्ध विद्रोह
'शरियत '...इस्लामी कानून ।
'आईन '..संविधान ।
'त्रासद विन्दु' ...दुःखद कष्टकारी चिन्तनीय बिषय ।
'मिले घुले '... घुले मिले ,मुहावरा ।
'चदरिया ...मैली '. वंगाल की दार्शनिक क्रन्तिकारी देशभक्त
पारंपरिक संस्कृति की ओर संकेत जिसको कि
अमता बेगम के सेकुलर अर्थात् इस्लामी राज में
कलंकित कर दिया गया है ।
'यह ' .... सर्वनाम 'अमता बेगम :के लिए प्रयुक्त ।

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