हार के बाद अखिलेश मुलायम संवाद - व्यंग्य
... अखिलेश – पाय लागू नेताजी.. नेताजी – हाँ हे...हमएं हअवाया तुहें....हमएं औअ शिऊपाअ ने मिअकअ तुम्हाए वोअ काए.....झाँ जीअ सकए हे भां से बि हअवाया.....अब बोओ..का कओगे.....का काट लोए हमाया ??हमाआ का ऐ...हम तो गिअते बअगद एं लेइन तुम्हाए बी पूआ कैइयअ की माँ-भैं एक कअ दी हमएं....अब रोओ जाए कोएँ में...
अभी का लेटेस्ट...
 .
 स्थान मुलायम निवास....लखनऊ...
 .
 अखिलेश और राहुल मुलायम सिंह के पास....
 .
 राहुल – गुड़ ईवनिंग अंकिल...
 अखिलेश – पाय लागू नेताजी..
 .
 नेताजी – जीए रहो....ह्ह्हह्ह्ह्ह....औअ बआओ भोअईवाओं....आ गए जईअ होकअ 
??पअ गई कएजे में ठंन्नक ?? हो गई साई तमअआएँ पुई जा अभी भी कुह बाई ऐ ?? ऊ
 भोइवाये राएश भत्त  ने उह दिन 85 सीअ बआई ही...तुम तो साए 55 पे सिमअ 
गए...
 .
 अखिलेश – नेताजी....आप ही तो हमारे मार्गदर्शक हैं....आप के बिना हम कुछ नहीं.....अब आगे क्या करना है वो भी तो आप ही बताएँगे ना...
 .
 नेताजी – चओ भाओ झाँ से.....हम घन्ना ना बताएने कुह अब तुम्हे.......
 .
 अखिलेश –नेताजी आपके पाँव पड़ते हैं....गलती हो गई...
 .
 नेताजी – ह्ह्ह्हह जब गाँव फई....तब राघव याअ आये...याअ ऐ जनवई में का कहे
 हे हमें....नेआई तुम अब बूहे हो चए ओ.....अब नौजवाओं का समय ऐ....नौजवां 
???? .....तुम्हाआ तो समअ में आआ ऐ लेइन ये मायायो राहूअ गान्ही कहाँ से 
नौजवां नज़अ आया तुहें....चाअ कअम चअने में सांह फूअने लगई ऐ इह चअसी 
की.....मेआ दावा ऐ कि जे अभी भी नहे में ऐ......अभी भी गुअ ईवइंग कै रहा हा
 मुहे......भैनओअ पुई लंका लुअ गई हमाई औअ इह हआमी को गुअ ईवइंग नज़अ आ रई 
ऐ.....इं भोअईवाओं का का ऐ...चाअ-पांअ पीही से कमा रए एं.....अअबों-खअबों 
के व्यबह्ता ऐ....तुं काहे इह्के चक्कअ में पअ गए...
 .
 अखिलेश – भूल हो गई भारी नेताजी.....बस ये बता दो कि हम इतनी बुरी तरह से हारे क्यों ??
 .
 नेताजी – देहो.... कई काअन एं...मोईजी की लहअ तो ही ही.....हाअना तो 
तुम्हाआ तय हा....हाँ लेइन इन्नी बुई तहा से से नई हाअते अगअ औकाअ में 
रैए.....पहए तुमएं शिऊपाअ सीं से बिगाई....बाहूबई ऐ वो.....और जू पी में 
बाहूबअ का बआ महत्त ऐ....दूहरे अमअ सीं से बिगाई.....पैहे का जुगाअ वई कअता
 आया है आअतक.....अब नन्ने भूहे चुआंव लआ जाआ है भआ...पैहे के बिआं अपईं 
बुआ की हाअत देह लो.....पगआई घूम रई ऐ नवंबअ के बाअ से....तीहरे उस गान्वू 
रामगोपाअ के बहकावे में आकअ हमहे औअ बिगाअ ली...हं बाप एं तुम्हाए......पैआ
 हमएं किया है तुहें....तुमएं हमें पैआ नई किया...जे पाअती हमएं बआईं ऐ औअ 
इह्मे जैहे चूइये भए एं उहें केवअ हं ही सम्हाल सकए एं...तुहें क्या 
लगा...राह्तीय अध्ह्क्ष के लिए जे लोअ तुमहे इम्पेस होकअ समत्थन में आये 
हे...नहीं....जे भोअईवाये केवल इहलिए तुहें सपोट कअ रए हे कोंकी तुं सत्ता 
में हे.....सत्ता गई अब इअं में हे किही को अपएं साह मिआ के दिहा 
दो......औअ अंतिम गअति जे रई कि कौन्गेस नां के डूबए झाज में चह गए.....वो 
तेतेनिक मूवी वाआ कैप्पेन देहे हो ना....कौन्गेसी बैसे ई 
एं.....लप्पी-झप्पी देहने के चक्कअ में झाज डुबा देए एं जे....
 .
 अखिलेश –लेकिन नेताजी असली वजह ये नहीं लग रही.....कुछ और भी कारण रहे होंगे हारने के ...
 .
 नेताजी – हाँ हे...हमएं हअवाया तुहें....हमएं औअ शिऊपाअ ने मिअकअ तुम्हाए 
वोअ काए.....झाँ जीअ सकए हे भां से बि हअवाया.....अब बोओ..का कओगे.....का 
काट लोए हमाया ??हमाआ का ऐ...हम तो गिअते बअगद एं लेइन तुम्हाए बी पूआ 
कैइयअ की माँ-भैं एक कअ दी हमएं....अब रोओ जाए कोएँ में.....अब जे राहुअ 
गान्ही ही लगाएआ तुम्हाई नैय्या पाअ......
 .
 अखिलेश- अब आगे ??
 .
 नेताजी- आगे का ???.शिउपास के लिए हं नई पाअती बीआंएंगे......उहे 
अद्ध्हक्ष बआयेंगे.....तुम साए मओ झाँ जा के मअना ऐ....आअ के बाअ अपईं 
मन्हूह सूअत मअ दिहाना हमें....ओवअ ऐन्न आउअ...दफा हो जाओ झाँ से...मेआ मूअ
 मअ खआब कओ औअ.......बाय.....
