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"देश के समस्त संसाधनों पर मुसलमानों का प्रथम अधिकार है ।" ............."पूर्व प्रधानमंत्री मन मोहन सिंह "
( मुलायम ,माया , ममता ,लालू सहित समस्त सेकुलरों द्वारा पुष्ट)

'' मुसलमानों का विश्वास प्राप्त करने के लिए यदि अयोध्या में मुझे और हिन्दू मरवाने पड़ते ,तो मैं अवश्य मरवाता ।' .....''कुछ दिन पूर्व 'मुलायम सिंह यादव' ,लखनऊ की एक सभा में''

"गाँव में यदि कब्रिस्तान बनता है ,तो श्मशान भी बनना चाहिये ।बिजली यदि रमजान में मिलती है ,तो दीवाली में भी मिलनी चाहिये।" ........ "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी' ,एक सभा में"

मनमोहन सिंह और मुलायम सिंह के बयानों का समस्त सेकुलर दलों ने मुखर और मौन एकजुट समर्थन किया, किन्तु प्रधानमंत्री के बयान की सेकुलर मीडिया सहित समस्त गिरोहों नें एकजुट निंदा की । कारण स्पष्ट है कि 'मुसलमानों का इस देश के संसाधनों पर प्रथम अधिकार है' ।सरलार्थ यह है हिंदुओं को किसी भी प्रकार का संसाधनों पर अधिकार नहीं है ,क्योंकि अधिकार सदैव प्रथम ही होता है ,प्रथम के रहते शेष का कोई अधिकार नहीं होता । भारत विभाजन के पूर्व से लेकर आज तक यही व्यवस्था क्रियान्वित होती आई है । विभाजन के समय मुसलमानों को उनकी आबादी से अधिक अलग देश पाकिस्तान दे दिया गया गैर मुस्लिमों के लिये कोई भी अलग देश नहीं दिया गया । शेष देश में भी मुसलमानों को विशेषाधिकार देकर अर्थात प्रथम अधिकार देकर गैर मुस्लिमों ( काफिरों ,हिन्दुओं ) को सभी अधिकारों से वंचित करके मुसलमानों की दया पर छोड़ दिया गया और भारतीय उपमहाद्वीप से हिंदुओं के क्रमिक समापन का मार्ग सदैव के लिये प्रशस्त कर दिया गया । इस षडयंत्र का दुष्परिणाम सामने आ गया है ।अखण्ड भारत में विभाजन के समय हिन्दू और मुसलमानों का जनांकिकीय अनुपात 78% और 22% था।
जोकि अब भारत की सेकुलर गांधी वादी शासन व्यवस्था में परिवर्तित होकर 50% और 50 % पर आ गया है ।
इस भारत और भारतीयता के विरुद्ध "इस्लामी सेकुलर एकजुट गिरोहबंदी "के चलते 2050 तक हिंदुओं का भरतीय उपमहाद्वीप से सर्वथा सफाया हो जाये गा और पाकिस्तान ,कश्मीर घाटी की तरह हिंदुओं की बीज हानि सुनिश्चित है ।

आज की पोस्ट इसी विचार भूमि पर प्रस्तुत है ...

"सेकुलर कठमुल्ले सभी ,भड़के भाई जान ।
मोदी कैसे कह दिए , मुस्लिम हिंदु समान??
मुस्लिम हिंदु समान , कभी भी रहे नहीं हैं।
मालिक और गुलाम, तुल्य कब रहे कहीं हैं ??
गांधी नेहरू रहे , सभी मुल्लों के अनुचर !
डोर हमारे हाथ ,'पुतलियाँ'' नाचें सेकुलर ।।"

"संसाधन सब देश के , उनका जो विस्तार ।
उन पर मुस्लिम जनों का, रहा प्रथम अधिकार।।
रहा प्रथम अधिकार, हमारा पूर्ण निरंकुश ।
किसकी है औकात , लगाये उस पर अंकुश ??
'पाक' लिये 'कश्मीर' , रहे सब 'सेकुलर साधन' ।
'शेष देश' के सभी , हमारे हैं संसाधन ।।"

" कुत्ते हैं सब हिन्दुजन , हाथी है इस्लाम ।
हाथी चलता अनवरत , भौंकें स्वान तमाम ।।
भौकेँ स्वान तमाम , कभी भी रोंक न पाये ।
टुकड़ों पर ये पले ,'सेकुलरी पूंछ 'हिलाये ।।
हिंन्दु घटे हम बढे , सतत् ज्यों कूकुरमुत्ते ।
सभी हमारे साथ , एकजुट 'सेकुलर कुत्ते '।।

विशेष .....
" तुल्य .". तुलना करने योग्य ,समान ।
"अनुचर "... पिछलग्गू , गुलाम ।
"डोर '....कठपुतली के खेल में प्रयुक्त डोरी ,अर्थात् नियंत्रण ।
"पुतलियाँ ".... सेकुलर नेताओं का समूह ।
"सेकुलर साधन '.... गांधी नेहरू से लेकर अभी तक भारतीय उपमहाद्वीप के इस्लामीकरण के महा अभियान के माध्यम अर्थात् साधन बनते रहे हैं ।
"शेष देश "...विभाजन के पश्चात् अवशेष भारत अर्थात् वर्तमान भारत ।
"स्वान ."... कुत्ता ।
"सेकुलरी पूंछ '. .सेकुलर नेताओं की कायरता ,गुलामी की ओर संकेत ।
' कूकुरमुत्ते.'.... कुकुरमुत्ते भी ,ये गाँवो में गन्दगी के ढेर पर प्रायः बहुतायत में उगते रहते हैं "सेकुलर कुत्ते" .मुस्लिम कठमुल्ले अपने समूह में कथित सेकुलर नेताओं की मजाक उड़ाते हैं और उन्हें सेकुलर कुत्ते कहते हैं । वे इनकी कायरता को भली प्रकार समझते हैं। इस्लाम में सेक्युलरिज़्म के लिए कोई स्थान नहीं है ।

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