क्या दंगल और रईस देखना इतना जरूरी
..अति लोकप्रिय फिल्म स्टार आमिर खान और शाहरूख खान के बयानों का देश और दुनिया में ज्यादा असर हुआ था. वैसे तो वो फर्जी मुद्दा खुद ही अपनी मौत मर गया लेकिन इन्होंने अपनी जिम्मेदारी 1% भी नही निभायी..
जो लोग दिल्ली में रहते है और कभी कभी मेट्रो भी यूज करते है उन्होंने कई मेट्रो स्टेशन के बाहर देखा होगा.. एक बंदा खड़ा होता है.. हाथ में एक डिब्बा(दानपात्र) लिये..उस पर लिखा होता है...'केंसर पीडितों की मदद के लिये दान कीजिये'. वो बंदा जितनी देर वहाँ खड़ा होता है वो अपने अभिनय के चरम पर होता है. वो एैसी शक्ल बनाकर खड़ा होता है जैसे वो केंसर के मरीजों के लिये चंदा मांगते-मांगते इतना दुखी है की वो भी केंसर के आखरी चरण में पहुँच गया है. मजे की बात ये है की किसी NGO का पट्टा लटकाये खड़े ये लोग.. इकट्ठे किये चंदे में से 5% भी केंसर पीडितों तक नही पहुंचाते होंगे... इसकी ग्यारंटी है. वो एक्टिंग सिर्फ आपको इमोशनल करने के लिये ही होती है.
अगर कोई ये सोचें की 'दंगल' फिल्म देखने से पहलवान महावीर सिंह फोगाट को आपकी तरफ़ से मदद हो जायेगी तो आप बहुत बड़े मुगालते में हो. महावीर सिंह जी को उनकी कहानी के लिये जो पैसा मिलना था..15-20 या 25 लाख रुपये वो पहले ही मिल चुका है.. अब आमिर खान 100 करोड़ कमायें या 200 करोड़ उन्हें अब कुछ नही मिलना. आमिर खान एक अभिनेता है और फिल्म बेचना सबसे अच्छे तरीके से जानता है.. ये गजनी और थ्री इडियट के प्रचार में हम देख ही चुके है. अभी भी वही हो रहा है.
भाग मिल्खा भाग के लिये राकेश ओमप्रकाश मेहरा को इतनी डिटेल देने के बदले मिल्खा सिंह ने एक रुपया भी नही लिया लेकिन फिल्म की बम्पर सक्सेस के बाद भी आपने कहीँ पढ़ा या देखा की मिल्खा सिंह को कोई भी मदद या चेक दिया हो मेहरा ने. मेरिकॉम से ज्यादा पैसा प्रियंका चोपड़ा कमा गई और पब्लिसिटी भी. जिस पहलवान की जिंदगी पर 'सुल्तान' बनाकर फिल्म ने 300 करोड़ कमा लिये उस असली सुल्तान का फोटो तक नही देखने को मिला है हमको अभी तक. ये सब कमाई के चोचले है..इनकी नियत में कुछ कमी तो रहती है. कुछ अभिनेता इनकी ही तरह नया फ़ंडा लेकर आते है की फिल्म की पहले दिन की कमाई सैनिकों को देंगे. अब कौन देखने गया है की कितना दिया या दिया भी की नही. मदद करना ही है तो अलग से करो... इसको फिल्म से क्यों जोड़ रहे हो ??
जहाँ तक आमिर खान की बात है उसने असहिष्णुता के नाम पर चलाये जा रहे देश विरोधी , देश की छवि विरोधी , देश के बहुसंख्यक विरोधी , सरकार विरोधी अभियान में अपना भरपूर योगदान दिया ही था और अनजान , गुमनाम साहित्यकारो की बजाये अति लोकप्रिय फिल्म स्टार आमिर खान और शाहरूख खान के बयानों का देश और दुनिया में ज्यादा असर हुआ था. वैसे तो वो फर्जी मुद्दा खुद ही अपनी मौत मर गया लेकिन इन्होंने अपनी जिम्मेदारी 1% भी नही निभायी.. ना देश के प्रति और ना ही अपने प्रशंसकों के प्रति..जिनमे बड़ी संख्या में बहुसंख्यक हिंदू भी शामिल है लेकिन इन्होंने देश को असहिष्णु बताकर देश में शांतिपूर्ण , सौहार्दपूर्वक रहने वाले हिन्दुओ पर ही ऊँगली उठाई थी और इस गलती के लिये दोनों ने तरीके से माफी अभी तक नही मांगी है.
फिर भी आपके लिये दंगल और रईस देखना इतना जरूरी है तो माफ़ करना... आप हो ही @#$.